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Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics Pdf / वह शक्ति हमें दो दयानिधे

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics in Hindi दे रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics Pdf Free Download कर सकते हैं।

 

 

 

 

Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics / वह शक्ति हमें दो दयानिधे lyrics

 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे प्रार्थना pdf

 

 

Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics Pdf
Wah Shakti Hame Do Dayanidhe Lyrics Pdf

 

 

 

 

 

 

मित्रों वह शक्ति हमें दो दयानिधे प्रार्थना उत्तर भारत और खासकर उत्तर प्रदेश के लगभग सभी हिंदी विद्यालयों में गायी जाती है। अक्सर हम देखते हैं कि Vah Shakti Hame do Dayanidhe Prarthana Lyrics विद्यार्थी भूल जाते हैं, तो इसीलिए हम आपको Vah shakti Hame do Dayanidhe Prayer Lyrics in Hindi दे रहे हैं, जिससे आप इसे याद कर सकें।

 

 

 

 

Vah shakti Hame do Dayanidhe Written in Hindi / वह शक्ति हमें दो दयानिधे प्रार्थना लिखित में

 

 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।

पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।

हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।

जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।

छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।

निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

जिस देश जाति में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

 

 

 

Vah Shakti Hame do Dayanidhe Meaning in Hindi

 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।

 

अर्थ – हे प्रभु, हमें इतनी शक्ति दें कि हम अपने कर्तव्य मार्ग पर डट जाएँ।

 

पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।

 

अर्थ – दूसरों की सेवा कर हम अपना जीवन सफल बना लें।

 

हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।

 

हम गरीबों, दुखियों के सेवक बन उनके दुखों को दूर करें।

 

 

जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।

 

अर्थ – जो भी भूले – भटके हैं, किसी गलत संगत में हैं उन्हें सुधारे और खुद को तार लें अर्थात जीवन सफल बना लें।

 

 

छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।

 

अर्थ – छल, घमंड, द्वेष, पाखण्ड, झूठ, अन्याय से हमेशा दूर रहें।

 

 

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।

 

अर्थ- हमारा जीवन साधारण हो, हमेशा खुशहाली हो।

 

 

निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

 

अर्थ – अपनी आन, मान और मर्यादा का हमेशा ध्यान रहे और उसका अभिमान भी रहे।

 

जिस देश जाति में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

 

अर्थ – जिस  देश में जन्म लिया है, उसी पर बलिदान हो जाएँ।

 

 

Note- कई जगहों पर देश जाति की जगह देश राष्ट्र का प्रयोग होता है।

 

 

 

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे किसने लिखा है?

 

 

 

Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe के रचयिता मुरारी लाल शर्मा बालबंधु है। इनका जन्म 1893 में साइमल की टिकड़ी, जिला मेरठ उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनकी मृत्यु 4 नवंबर 1961 में हुई।

 

 

 

कई जगहों पर वह शक्ति हमें दो दयानिधे के लेखक श्री परशुराम पांडेय जी को बताया गया है। वे मध्यप्रदेश के रीवा के रहने वाले थे। इसका उल्लेख पंडित रामसागर शास्त्री जी ने अपने ग्रन्थ ” विंध्य दर्शन ” के भाग 1 के पृष्ठ संख्या 380 में किया है।

 

 

 

 

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