नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Vijay Ke Saat Phere Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Vijay Ke Saat Phere Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से 11 + केशव पंडित नॉवेल इन हिंदी Pdf Download कर सकते हैं।
Vijay Ke Saat Phere Pdf
किसनपुर गांव में रामू किसान अपनी पत्नी प्रिया और पुत्र गोपी के साथ आनंद पूर्वक रहता था। खेती बारी से उत्पन्न आमदनी से रामू का जीवन आनंद बीत रहा था। रामू का लड़का बहुत ही नटखट स्वभाव का था और चतुर भी था।
रामू के पास आम का एक छोटा सा बागीचा भी था। एक दिन गोपी आम के पेड़ पर चढ़कर पके हुए आमों को तोड़ रहा था। गोपी की माँ ने पूछा, “तुम इतने आम का क्या करोगे ?”
गोपी ने कहा, “मैं इन्हे जंगल के रास्ते से जल्दी से जाकर बाजार में बेच आऊंगा।” यह कहते हुए उसने आम को एक टोकरी में भरा और जंगल के रास्ते चल दिया। गोपी को उसकी माँ ने समझाया कि जंगल में चोर लुटेरे रहते है, लेकिन गोपी को अपने ऊपर भरोसा था।
वह जंगल में पहुंचा ही था सामने देखा तो दो मोटे – मोटे आदमी बैठे थे। उनका नाम छोटू और शेरा था। रामू को अपनी ओर आता देख छोटू ने शेरा से कहा, “वो सामने देखो सरदार, आपका शिकार आ रहा है और उसके हाथ में आम से भरी हुई टोकरी भी है।”
” ठीक है आज आम खाने को मिलेगें। ” गोपी को सामने देखकर शेरा ने कहा। गोपी के नजदीक आने पर वह रोने का नाटक करते हुए बोला, “हम लोग दो दिन से भूखे है खाने को कुछ नहीं मिला है। ” इसपर गोपी ने शेरा से कहा, “क्या मैं आपकी कोई सहायता कर सकता हूँ ?”
शेरा ने गोपी से पूछा, “तुम आम लेकर कहाँ जा रहे हो ? ”
गोपी ने शेरा से कहा, “मैं यह आम बाजार में बेचने जा रहा हूँ अगर तुम हमारी सहायता करो तो आम का पूरा पैसा हम दोनों आपस में बाँट लेंगे।” यह कहकर गोपी ने दो आम छोटू और शेरा को भी दिए। उन दोनों ने आम को खाया तो उन्हें वह आम बहुत मीठा लगा।
फिर शेरा ने गुस्से से छोटू से कहा, “आम की टोकरी सर पे उठाकर बाजार की तरफ चल। ” छोटू शेरा में आये इस अचानक परिवर्तन से हैरान था, लेकिन डर के मारे आम की टोकरी अपने सर पर रख ली और बाज़ार की तरफ चल पड़ा। ”
बाजार पहुंचने पर आम बेचने की जिम्मेदारी गोपी की थी। ” जादुई आम ले लो -जादुई आम ले लो ” गोपी हाँक लगाने लगा। उस पके आम को राजा का मंत्री देख रहा था, उससे रहा नहीं गया। उसने नजदीक आकर गोपी से पूछा, “आम के पूरी टोकरी की कितनी कीमत है?”
गोपी ने कहा, “तीस स्वर्ण मुंद्रा ”
इसपर मंत्री ने गोपी से पूछा, ” इतना महंगा आम इसमें क्या विशेषता है ?”
फिर गोपी ने मंत्री से कहा, “इसमें तीन आम में स्वर्ण है सभी आम एक ही रंग के होने से पहचाचना मुश्किल है इसलिए आपको पूरी टोकरी लेनी होगी। आप घर ले जाकर उन तीनो आम की पहचान कर सकते है।”
मंत्री खुश हो गया और गोपी को तीस स्वर्ण मुद्रा देकर पूरी टोकरी का आम खरीद लिया। गोपी की चतुराई को देखकर शेरा और छोटू चकित रह गए।
गोपी को लेकर शेरा और छोटू जंगल में आ गए। शेरा ने गोपी से पूरा पैसा लेकर बराबर – बराबर बटवारा कर दिया। गोपी छोटा होने के कारण कुछ बोल न सका, लेकिन छोटू से रहा नही गया।
छोटू ने शेरा से कहा, “मैं आम की टोकरी भी सर पे उठाकर बाजार ले गया और मेहनत भी सबसे ज्यादा मैंने ही किया, इसलिए हमें पंद्रह स्वर्ण मुद्रा चाहिए।” इसी बात को लेकर दोनों आपस में उलझ गए और गोपी तो जैसे इसी अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था। उसने तीस स्वर्ण मुद्रा उठाई और वहां से नौ दो ग्यारह हो गया।
विजय के सात फेरे PDF Download



Note- इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी पीडीएफ बुक, पीडीएफ फ़ाइल से इस वेबसाइट के मालिक का कोई संबंध नहीं है और ना ही इसे हमारे सर्वर पर अपलोड किया गया है।
यह मात्र पाठको की सहायता के लिये इंटरनेट पर मौजूद ओपन सोर्स से लिया गया है। अगर किसी को इस वेबसाइट पर दिये गए किसी भी Pdf Books से कोई भी परेशानी हो तो हमें newsbyabhi247@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं, हम तुरंत ही उस पोस्ट को अपनी वेबसाइट से हटा देंगे।
मित्रों यह पोस्ट Vijay Ke Saat Phere Pdf आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें और Vijay Ke Saat Phere Pdf Download की तरह की तरह की पोस्ट के लिये इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और इसे शेयर भी करें।