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Matsya Purana Pdf Hindi / मत्स्य पुराण Pdf Hindi

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Matsya Purana Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Matsya Purana Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से  कूर्म पुराण गीता प्रेस Pdf Download कर सकते हैं।

 

 

 

 

Matsya Purana Pdf / मत्स्य पुराण पीडीएफ

 

 

 

 

 

 

मत्स्य अवतार की कथा

 

 

विष्णु पुराण में कथा है कि इस दिन भगवान विष्णु ने पहले मत्स्य अवतार धारण किया था जो उनके दस अवतारों में से एक है।

 

 

 

सत्यव्रत मनु जिनसे ही मनुष्य की उत्पत्ति हुई थी। एक दिन जब सत्यव्रत मनु नदी के तट पर पूजन और तर्पण कर रहे थे तब उनके कमंडल में एक छोटी सी मछली बहते हुए आ गयी। उस मछली का रंग सुनहला था। सत्यव्रत मनु धर्मात्मा और विष्णु के उपासक थे।

 

 

 

 

वह उस सुनहली मछली को लेकर अपने राजमहल में लौट आये अगले दिवस में ही वह मछली बड़ी हो गई। तब राजा सत्यव्रत मनु ने उसे  तालाब में रखवा दिया। दूसरे दिवस प्रातः काल में राजा ने देखा कि वह छोटी सी मछली तालाब से भी बड़ी हो गई।

 

 

 

 

तब राजा सत्यव्रत मनु ने उसे नदी में डालने के लिए अपने नौकरो से कह दिया। तीसरे दिन राजा ने देखा कि मछली को नदी में भी बहुत असुविधा हो रही है। तब राजा सत्यवत मनु ने हाथ जोड़कर उस सुनहली मछली से पूछा – आप कोई साधारण मछली नहीं है आप कौन है? कृपा करके अपना परिचय दीजिए।

 

 

 

 

उसी समय राजा के देखते ही उस असाधारण मछली से भगवान विष्णु प्रकट हुए और बोले – हे राजन! आज से सात दिवस के उपरांत इस पृथ्वी का प्रलय काल द्वारा अंत हो जायेगा और शृष्टि की रक्षा हेतु मैंने यह मत्स्य अवतार धारण किया है। प्रलय काल आने से पहले भगवान विष्णु राजा सत्यव्रत मनु के पास आये।

 

 

 

 

उन्होंने राजा को पहले ही बताया हुआ था कि एक नाव में सभी प्रकार की औषधि और सभी प्रकार के बीज रख लेना ताकि प्रलय के बाद फिर से शृष्टि निर्माण कार्य पूर्ण हो सके। राजा ने पूर्ण रूप से भगवान विष्णु की आज्ञानुसार तैयारी कर रखा था। विष्णु जी ने कहा – हे राजन! आप अपनी नाव को मेरी पूंछ में बांधकर उसमे अपने परिवार सहित औषधि और जीवनोपयोगी बीज के साथ सवार हो जाइये और हमारे मत्स्य अवतार के सहारे प्रलयकाल के अंत तक महासागर में तैरते रहिये।

 

 

 

 

कुछ समय के उपरांत जब प्रलयकाल का अंत होने पर भगवान ने शृष्टि का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर जो चारो वेद को अपने मुख में दबाये हुए थे उसे ब्रह्मा जी को सौप दिया। दूसरी कथा के अनुसार शृष्टि के निर्माण के पूर्व चारो तरफ जब जल ही जल था।

 

 

 

 

तब पृथ्वी की स्थापना के लिए मत्स्य भगवान ने ही महासागर के तल में जाकर अपने मुंह में जो मिट्टी लेकर आये और जल के ऊपर पृथ्वी का निर्माण किया। इस तरह से विष्णु भगवान ने मत्स्य अवतार धारण कर प्रलय काल से लेकर शृष्टि के फिर से निर्माण का कार्य पूर्ण किया।

 

 

 

Matsya Purana Pdf Hindi
मत्स्य पुराण पीडीऍफ़ डाउनलोड 

 

 

 

 

 

 

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