नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Jan Gan Man in Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Jan Gan Man Pdf Download कर सकते हैं।
Jan Gan Man in Hindi Pdf / जन गण मन Pdf Download

जानें राष्ट्रगान के बारे में
राष्ट्रगान को रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा 1911 में लिखी गई एक कविता से लिया गया है। यह कविता 5 पदों में लिखित है और इसके पहले ही पद को राष्ट्रगान के रूप में लिया गया है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर जी ने 1919 में आंध्रप्रदेश के बेसेंट थिमोसोफिकल कालेज में इस गीत को गाया और उसस्के बाद कालेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे मानिग फेयर बना लिया
देश के आज़ाद होने के बाद 14 अगस्त 1947 को पहली बार संविधान सभा का समापन इसी गीत से हुआ था। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेण्ड का समय लगता है और इसकी पहली और अंतिम पंक्ति को गाने में 20 सेकेण्ड का समय लगता है।
राष्ट्रगान के बारे में कुछ और जानकारी——
1- 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर इस गीत को राष्ट्रगान के तौर पर अपना लिया।
2- राष्ट्रगान के बोल और धुन खुद रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आंध्र प्रदेश के मदनापल्ली में तैयार की थी।
3- कानून के अनुसार किसी को भी राष्ट्रगान गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
4- राष्ट्रगान के किसी भी तरह के अपमान पर उस व्यक्ति के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ़ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 की धारा-3 के तहत कार्यवाही होती है।
National Anthem Lyrics in Hindi / Jan Gan Man Lyrics in Hindi
जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्रविड़ उत्कल बंग।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग।
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मागे।
गाहे तव जयगाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे॥
Jan Gan Man Full Lyrics in Hindi
जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
अहरह तव आह्वान प्रचारित, शुनि तव उदार बाणी
हिन्दु बौद्ध शिख जैन पारसिक मुसलमान खृष्टानी
पूरब पश्चिम आसे तव सिंहासन-पाशे
प्रेमहार हय गाँथा।
जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
पतन-अभ्युदय-वन्धुर पन्था, युग युग धावित यात्री।
हे चिरसारथि, तव रथचक्रे मुखरित पथ दिनरात्रि।
दारुण विप्लव-माझे तव शंखध्वनि बाजे
संकटदुःखत्राता।
जनगणपथपरिचायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
घोरतिमिरघन निविड़ निशीथे पीड़ित मूर्छित देशे
जाग्रत छिल तव अविचल मंगल नतनयने अनिमेषे।
दुःस्वप्ने आतंके रक्षा करिले अंके
स्नेहमयी तुमि माता।
जनगणदुःखत्रायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
रात्रि प्रभातिल, उदिल रविच्छवि पूर्व-उदयगिरिभाले –
गाहे विहंगम, पुण्य समीरण नवजीवनरस ढाले।
तव करुणारुणरागे निद्रित भारत जागे
तव चरणे नत माथा।
जय जय जय हे जय राजेश्वर भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
National Anthem of India Pdf
Jana gana mana adhinaayak jaya hai
Bhaarat bhagya vidhaata
Panjaab, sindh, gujraat, maraatha
Dravid Utkal Banga
Vindya, Himaachal, Yamuna, Ganga
Utchchhal jaldhi taranga
Tab shubh naame jaage
Tab shubh aashish maage
Gaahe tab jay Gaatha
Jana gana Mangal daayak jay he
Bhaarat bhagya vidhaata
Jaya hey…
Jaya hey…
Jaya hey…
Jaya jaya jaya jaya hey…
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