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Hartalika Teej Vrat Katha Hindi Pdf | हरतालिका तीज व्रत कथा Pdf

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Hartalika Teej Vrat Katha Hindi Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Hartalika Teej Vrat Katha Hindi Pdf Download कर सकते हैं और यहां से Apni Atmashakti ko Pehchane Pdf कर सकते हैं।

 

 

 

Hartalika Teej Vrat Katha Hindi Pdf 

 

 

 

 

 

 

 

इस व्रत को विधि विधान के साथ करने से कुंवारी कन्याओ को भगवान महादेव की कृपा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा सौभाग्यवती स्त्रियों द्वारा यह व्रत करने से उनके सौभाग्य सुख की रक्षा का आशीर्वाद भगवान महादेव प्रदान करते है।

 

 

 

इस व्रत को भगवती पार्वती ने गिरिराज की पुत्री के रूप में किया था फलस्वरूप वह महादेव जी को प्राप्त करने में सफल हुई। एक बार भगवान शिव ने पार्वती को उनके पूर्व जन्म का स्मरण कराने के उद्देश्य से इस व्रत के महात्म का वर्णन किया था।

 

 

 

भगवान शंकर बोले – हे गौरी! पर्वतराज हिमालय पर स्थित गंगा के तट पर बारह वर्ष की बाल्यावस्था में तुमने अधोमुखी होकर बहुत कठोर तप किया था। माघ मास की विकरालता में तुमने जल में प्रवेश करके साधना किया था। उस अवधि में तुमने वृक्ष के सूखे पत्तो का आहार किया था।

 

 

 

वैशाख की तपन भरी गर्मी में तुमने पंचाग्नि में शरीर को तपाते हुए साधना किया था। श्रावण मास की मूसलाधार वर्षा में बिना अन्न जल ग्रहण किए खुले आसमान के नीचे समय व्यतीत किया। तुम्हारी इस कष्ट साध्य तपस्या से तुम्हारे पिता को बहुत क्लेश होता था।

 

 

 

उनके क्लेश और तुम्हारी तपस्या को देखकर एक दिन नारद जी तुम्हारे पिता के पास आकर बोले – गिरिराज! मैं तुम्हारी सुपुत्री के कठोर तप को देखकर विष्णु जी ने प्रसन्न होकर हमे यहां पठाया है वह स्वयं तुम्हारी पुत्री से विवाह करना चाहते है इस विषय में आपकी राय जानना चाहता हूँ।

 

 

 

नारद जी की बात सुनकर गिरिराज बहुत प्रसन्न हो उठे और बोले – देवर्षि नारद! आपने हमारे सारे क्लेश मिटा दिए यदि स्वयं विष्णु जी हमारी कन्या का पाणिग्रहण करना चाहते है तो भला मुझे क्या आपत्ति हो सकती है? वह तो स्वयं ब्रह्म है। हर पिता की यही कामना होती है कि उसकी पुत्री अपने पति के घर जाकर अपने पिता के घर से अधिक सुखी और सम्पन्न रहे।

 

 

 

तुम्हारे पिता से स्वीकृति प्राप्त कर नारद जी विष्णु के पास जाकर तुम्हारे ब्याह के निश्चित होने का समाचार सुनाया लेकिन यह समाचार तुम्हे बहुत दुःख प्रदान किया। तुम्हारी एक चतुर सखी ने तुम्हारी इस मानसिक दशा को समझ लिया। तुमने अपनी सखी से बताया कि मैने भगवान शिव को पतिरूप में वरण किया है।

 

 

 

तुम्हारी वह चतुर सखी तुमसे बोली – जीवन की सार्थकता इसी में है कि जिसे भी एक बार पतिरूप कर लिया तो जीवन पर्यन्त उसके साथ ही निर्वाह करना चाहिए। सच्ची आस्था हुए एक निष्ठा के समक्ष ईश्वर भी नत हो जाते है। अब तुम हमारे साथ चलकर एक घनघोर जंगल में तपस्या करो।

 

 

 

वहां तुम्हारे पिता भी नहीं ढूंढ पाएंगे तुम वही अपनी साधना में रत हो जाना वहां ईश्वर भी तुम्हारी सहायता करेंगे। इधर तुम्हारी खोज होने लगी लेकिन तुम नदी के तट पर अपनी साधना में लीन थी उस समय भाद्रपक्ष की तृतीया और हस्त नक्षत्र था। रेत के शिवलिंग का निर्माण करके तुमने मेरी आराधना किया तथा मेरी स्तुति करते हुए रात्रि जागरण किया।

 

 

 

इस कष्ट साध्य साधना से मेरी समाधि भंग हो गई मैं तुम्हारे समक्ष उपस्थित होकर तुमसे प्रसन्न हुआ और वरदान मांगने के लिए कहा। तुमने कहा यदि आप हमसे प्रसन्न है तो मुझे अपनी अर्धांगिनी स्वीकार करिये मैं तथास्तु कहा और कैलास पर्वत पर लौट गया।

 

 

 

इधर तुम्हारे पिता गिरिराज बहुत व्यग्र होकर तुम्हे ढूंढने में प्रयासरत थे। उन्होंने सोचा यदि भगवान विष्णु बारात लेकर आ गए तब क्या होगा? वह तुम्हे ढूंढते हुए तुम्हारे पास जा पहुंचे तथा तुम्हारी दशा देखकर उन्हें बहुत कष्ट हुआ। तुमने अपने पिता को समझाते हुए कहा।

 

 

 

मैंने शिव जी को पतिरूप में स्वीकार करने के लिए ही इतनी कठोर तपस्या किया है और अपने आराध्य की खोज में तपस्या की कसौटी पूरी कर चुकी हूँ तथा इसीलिए मैंने घर का त्याग कर दिया था। आप अपना निर्णय बदलकर शिव जी से हमारा ब्याह करने का निर्णय करे तभी मैं घर वापस जाउंगी।

 

 

 

गिरिराज तुम्हारी बातो से सहमत होकर तुम्हे घर ले आये फिर कुछ समय के उपरांत शास्त्रोक्त विधि से उन्होंने हमारे साथ तुम्हारा पाणिग्रहण करा दिया। इसलिए ही इस तृतीया का महत्व बढ़ जाता है। कुआरी कन्याओ तथा सभागयवती स्त्रियां जो भी इस तृतीया को विधि विधान से पूजा अर्चना करती है मैं उन्हें अवांछित फल प्रदान करता हूँ।

 

 

 

 

हरतालिका तीज व्रत कथा Pdf Download

 

 

 

Hartalika Teej Vrat Katha Hindi Pdf
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Gauri Ganesh Puja Mantra Pdf यहां से डाउनलोड करे।

 

 

 

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