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दुर्गा सप्तश्लोकी पाठ Pdf | Durga Saptashloki Pdf

इस पोस्ट में हम आपको Durga Saptashloki Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Durga Saptashloki Pdf पढ़ सकते हैं।

 

 

Durga Saptashloki Pdf

 

 

 

 

 

 

Durga Saptashloki Pdf

 

 

 

अथ श्री सप्तश्लोकी दुर्गा
शिव उवाच

देवी त्वम भक्तसुलभे सर्वकार्य विधायनी ।

कलौ हि कार्यसिद्धयर्थ मुपायं ब्रूहि यतनत: ।।

देव्यु उवाच

श्रृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम्‌ ।

मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ।।

विनियोगः

ॐ अस्य श्रीदुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र मन्त्रस्य नारायण ॠषिः अनुष्टुप छन्दः श्रीमहाकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्यो देवताः श्री जगदम्बा प्रीत्यर्थं सप्तश्लोकी दुर्गापाठे विनियोगः ।।

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवि भगवती हिसा । बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ।।

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द चित्ता ।।

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ।।

शरणागतदीनार्तपरित्राणय परायणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ।।

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते । भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवी नमोऽस्तु ते ।।

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति ।।

सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि । एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम् ।।

इति श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा संपूर्णम्

 

 

 

Durga Saptashloki Pdf Download

 

 

 

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Durga Saptashloki Pdf

 

 

 

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