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Bhagavad Gita slokas in Sanskrit pdf Download

यहां हम आपको Bhagavad Gita slokas in Sanskrit देने जा रहे हैं, आप इसे नीचे दिए गए लिंक से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। हमारा उद्देश्य आपको निःशुल्क सामग्री प्रदान करना है ताकि आप अपनी पढ़ाई अच्छे से कर सकें।       Bhagavad Gita slokas in Sanskrit             Download       आप यहां से और भी किताबें डाउनलोड कर सकते हैं   1- Ncert biology class 11 pdf in Hindi Download   2- Question bank for class 9 pdf Free Download   3- Class 11 polity Ncert pdf Free Download       इस लेख में दी गई किसी भी पीडीएफ पुस्तक या पीडीएफ फाइल पर इस वेबसाइट के मालिक का अधिकार नहीं है। यह पाठकों की सुविधा के लिए दिया …

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Dakshinamurthy Stotram pdf Hindi Download

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Dakshinamurthy Stotram pdf Hindi देने जा रहे हैं, आप इसे नीचे पढ़ भी सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं और साथ में आप Garbhsanskar Pdf In English Download को भी Download कर सकते है।                           Dakshinamurthy Stotram pdf Hindi         जो पुरुष राहु द्वारा ग्रस्त सूर्य-चन्द्र के समान माया द्वारा समाच्छादित होने के कारण सन्मात्र का इन्द्रियों द्वारा उपसंहार करके सो गया था, उसे निद्रा में लीन होने पर अथवा जागने के पश्चात्‌ जो प्रत्यभिज्ञातुल्य भासित होता है, उन श्री गुरु स्वरूप श्रीदक्षिणामूर्ति को यह मेरा नमस्कार है।         जो अपने भक्तों के समक्ष भवद्रा मुद्रा द्वारा बाल, युवा, …

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हनुमान चालीसा Pdf | Hanuman Chalisa Pdf

इस पोस्ट में हम आपको Hanuman Chalisa Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Hanuman Chalisa Pdf पढ़ सकते हैं।         Hanuman Chalisa Pdf                             दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान …

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बजरंग बाण Pdf | Bajrang Baan pdf Gita press

इस पोस्ट में हम आपको Bajrang Baan pdf Gita press देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Bajrang Baan pdf Gita press पढ़ सकते हैं।       Bajrang Baan pdf Gita press                     बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ बजरंग बाण चौपाई जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि …

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श्री साईं चालीसा Pdf | Sai Chalisa Pdf

इस पोस्ट में हम आपको Sai Chalisa Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Sai Chalisa Pdf पढ़ सकते हैं।             Sai Chalisa Pdf             !! पहले साईं के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं , कैसे शिर्डी साईं आए, सारा हाल सुनाऊं मैं, कौन हैं माता, पिता कौन हैं, यह न किसी ने भी जाना, कहां जनम साईं ने धारा, प्रश्न पहेली रहा बना !! !! कोई कहे अयोध्या के ये, रामचन्द्र भगवान हैं , कोई कहता साईंबाबा, पवन-पुत्र हनुमान हैं, कोई कहता मंगल मूर्ति, श्री गजानन हैं साईं, कोई कहता गोकुल-मोहन, देवकी नन्दन हैं साईं !! !! शंकर समझ भक्त कई तो, बाबा को भजते रहते, कोई कह अवतार दत्त का, …

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हनुमान आरती Pdf | Hanuman Aarti Pdf

इस पोस्ट में हम आपको Hanuman Aarti Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Hanuman Aarti Pdf पढ़ सकते हैं और आप यहां से हनुमान चालीसा Pdf भी डाउनलोड कर सकते हैं।                         Hanuman Aarti Pdf         आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।। जाके बल से गिरिवर कांपे । रोग दोष जाके निकट न झांके ।। अंजनि पुत्र महा बलदाई । सन्तन के प्रभु सदा सहाई ।। दे बीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाए ।। लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ।। लंका जारि असुर संहारे । सियारामजी के काज सवारे ।। लक्ष्मण मूर्छित …

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हनुमान अष्टक Pdf | Hanuman Ashtak Pdf

इस पोस्ट में हम आपको Hanuman Ashtak Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Hanuman Ashtak Pdf पढ़ सकते हैं।         Hanuman Ashtak Pdf                       बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों I ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो I देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो I को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो I बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो I चौंकि महामुनि साप दियो तब , चाहिए कौन बिचार बिचारो I कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो I को अंगद के संग लेन …

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हनुमान बाहुक Pdf | Hanuman Bahuk Pdf Hindi

इस पोस्ट में हम आपको Hanuman Bahuk Pdf Hindi देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Hanuman Bahuk Pdf Hindi पढ़ सकते हैं और आप यहां से हनुमान चालीसा Pdf Download कर सकते हैं।       Hanuman Bahuk Pdf                     छप्पय     सिंधु तरन, सिय-सोच हरन, रबि बाल बरन तनु । भुज बिसाल, मूरति कराल कालहु को काल जनु ॥ गहन-दहन-निरदहन लंक निःसंक, बंक-भुव । जातुधान-बलवान मान-मद-दवन पवनसुव ॥ कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट । गुन गनत, नमत, सुमिरत जपत समन सकल-संकट-विकट ॥ स्वर्न-सैल-संकास कोटि-रवि तरुन तेज घन । उर विसाल भुज दण्ड चण्ड नख-वज्रतन ॥ पिंग नयन, भृकुटी कराल रसना दसनानन । कपिस केस करकस लंगूर, खल-दल-बल-भानन ॥ कह …

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शिव आरती Pdf | Shiv Aarti Pdf Download

इस पोस्ट में हम आपको Shiv Aarti Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Shiv Aarti Pdf डाउनलोड कर सकते हैं और यहां से सूर्य चालीसा Pdf डाउनलोड कर सकते हैं।                 Shiv Aarti Pdf                 ॐ जय शिव ओंकारा, भोले हर शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर हर महादेव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। तीनों रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भोले शशिधारी ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक …

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गणेश स्तोत्रं Pdf | Ganesh Stotram Pdf Download

इस पोस्ट में हम आपको Ganesh Stotram Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Ganesh Stotram Pdf पढ़ सकते हैं।               Ganesh Stotram Pdf                 प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् । भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥ प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् । तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥ लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च । सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥ नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् । एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥ द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः । न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥ विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् । पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥ जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते । संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥ अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते । …

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