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भाव वाचक संज्ञा, उदहारण, परिभाषा | Bhav Vachak Sangya kise Kahate Hain

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Bhav Vachak Sangya kise Kahate Hain के बारे में जानेंगे और आप यहां से जातिवाचक संज्ञा, उदहारण,परिभाषा और अनुप्रास अलंकार, परिभाषा, उदहारण  भी पढ़ सकते हैं।

 

 

 

Bhav Vachak Sangya kise Kahate Hain

 

 

 

 

 

 

Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha

 

 

 

 

 

वह शब्द जिनसे हमें भावना का बोध होता हो, उन शब्दों को भाव वाचक संज्ञा कहा जाता है। अर्थात् वह शब्द जो किसी पदार्थ या फिर चीज का भाव, दशा या अवस्था का बोध कराते हो उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।वह संज्ञा जिसे हम छू नहीं सकते केवल उन्हें अनुभव कर सकते हैं और इस संज्ञा का भाव हमारे भावों से सम्बन्ध होता है, जिनका कोई आकार या फिर रूप नहीं होता है।
जैसे – मिठास, खटास, धर्म, थकावट, जवानी, मोटापा, मित्रता, सुन्दरता, बचपन, परायापन, अपनापन, बुढ़ापा, प्यास, भूख, मानवता, मुस्कुराहट, नीचता, क्रोध, चढाई, उचाई, चोरी आदि।

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Examples)

 

 

 

1- सरिता की आवाज बहुत मिठास से भरी है।
यहां पर मिठास शब्द से आवाज के मीठेपन का बोध होता है, इसलिए यहां पर मिठास में भाववाचक संज्ञा है।
2- मेरा पूरा बचपन खेलने और कूदने में बिता है।
यहां पर बचपन शब्द हमारे बचपन से सम्बन्ध रखता है अर्थात् बच्चे का भाव होने का बोध करा रहा है, इसलिए यहां पर बचपन में भाववाचक संज्ञा है।
3- तुम्हारे से मिलने के बाद हमारे स्कूल की यादें ताजा हो गई है।
यहां पर यादें शब्द से भाव का बोध हो रहा है, इसलिए यहां यादें में भाववाचक संज्ञा है।
4- आज के समय में हमारी दोस्ती मजबूत हो रही है।
यहां पर दोस्ती शब्द हमारे भाव को दर्शा रहा है, इसलिए यहां पर भाववाचक संज्ञा है।
5- मेरी लम्बाई मेरे दोस्त से अधिक है।
यहां पर मेरे लम्बे होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहां पर लम्बाई में भाववाचक संज्ञा है।
6-भारत एक अमीर देश है।
यहां पर भारत के अमीर होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहां पर अमीर में भाववाचक संज्ञा है।
7-ईमानदारी से बड़ा कोई धर्म नहीं।
यहां पर ईमानदारी शब्द एक भावना प्रकट कर रहा है, इसलिए यहां पर ईमानदारी भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
8- मैं तुम्हे बहुत प्रेम से रखूँगा।
यहां पर प्रेम शब्द हमारे भाव का बोध करा रहा है, इसलिए यहां पर प्रेम में भाववाचक संज्ञा है।
9- मैं बहुत गुस्सा हूँ।
यहां पर मेरे गुस्सा होने का बोध हो रहा है, अतः यहां पर गुस्सा भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
10- बगीचे में फूल सुंदर है।
यहां पर सुंदर बगीचे के सुंदर होने का बोध करा रहा है, इसलिए यहां पर सुंदर में भाववाचक संज्ञा है।

भाववाचक संज्ञा बनाने के नियम

 

 

जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय में ता, आस, पा, अ, पन, ई, आव, वट, य, हट, त्व आदि लगाकर भाववाचक संज्ञा में बदला जाता है।

भाववाचक संज्ञा बनाना

 

 

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
संज्ञा से भाववाचक बनाना
क्रिया से भाववाचक बनाना
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
अव्यय से भाववाचक बनाना

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

 

मानव– मानवता
मनुष्य– मनुष्यता
दूत –दौत्य
नारी –नारीत्व
भाई –भाईचारा
युवक –यौवन
भाई– भाईचारा
दास– दासत्व
इंसान– इंसानियत
राष्ट्र –राष्ट्रीयता
ब्राह्मण– ब्राह्मणत्व
प्रभु –प्रभुता
पात्र– पात्रता
माता– मातृत्व
जाति –जातियता
बच्चा– बचपन
घर –घरेलू
शैतान– शैतानी
गुरु– गुरुत्व
पुरुष– पुरुषत्व
 
 
 

सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना

अहं –अहंकार
निज –निजत्व
स्व– स्वत्व
पराया– परायापन
मम– ममत्व/ममता
सर्व –सर्वस्व
आप –आपा
पराया –परायापन
अपना– अपनापन/अपनत्व
माँ –ममता/ममत्व
 
 

संज्ञा से भाववाचक बनाना

लड़का –लडकपन
बूढ़ा –बुढ़ापा
पंच –पंचायत
नर– नरत्व
शिष्य –शिष्यत्व
पंडित –पांडित्य
राष्ट्र– राष्ट्रीयता
भार– भारीपन
माता– मातृत्व
गुरु –गुरुता
पशु– पशुत्व
ईश्वर– ईश्वर्य
मनुष्य– मनुष्यता
वकील –वकालत
देव– देवत्व

 

 

 

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