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Bhajan Sangrah Pdf Hindi / भजन संग्रह PDF

नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको Bhajan Sangrah Pdf देने जा रहे हैं, आप नीचे की लिंक से Bhajan Sangrah Pdf Download कर सकते हैं और आप यहां से कबीर भजन माला pdf भी पढ़ सकते हैं।

 

 

 

Bhajan Sangrah Pdf / भजन संग्रह पीडीऍफ़ 

 

 

भजन संग्रह PDF Download

 

 

Bhajan Sangrah Pdf Hindi
Bhajan Sangrah Pdf Hindi

 

 

भजन संग्रह पीडीएफ डाउनलोड 

 

 

 

 

 

 

देख वीर के समवसरन में, मानस्तम्म महान । मानी जन का गलता मान, देख ० ॥ ठेक ॥

रूदो हजार से अधिक पुगनी,
वीर समय की सुनो कहानी । भये प्रश्चू जब केवलज्ञानी,
एक पहर तक खिरी न बानी । अवधि विचार इन्द्र गौतम,
लेने की दिल ठान ॥ मानी० ||

 

 

चृद्धरूप भरे सुरपति चाला, पहुँचा गोतमद्विज की शाला। शिष्य कौन सबसे गुणवाला,
इतना कह इक पद्म निकाला ॥

 

 

कठिन प्रद्य को सुनत अकल,
गौतम की मह दैरान॥ मानी० ॥

 

 

गोतम कहें मान में आकर,
तू क्‍या समभेगा है चाकर | देखें तेरे गुरु को जाकर,
चले ग्रकड़कर पेर बढ़ाकर शिष्य पांच सौ साथ लिये मन, में विधाद की ठान ॥ मानी० ॥

 

 

ज्यों ही निकट श्रभू के आये, मान त्यागकर जिनगुण गाये । गणघर का पद गौतम पाये, नेया पार रतन! की कर दो, महावीर भगवान ॥ मानी० ॥

 

चेतन क्‍यों पड़े सो रहे, मौका ना सोने का। ऐसा समय अनमोल गया, हाथों से खोने का ॥
मोह नीद में गमाये काल, पापीजियरा, पापीजियरा । राग द्वेष में जमाये ख्याल, पापीजियरा, पापीजियरा ॥|

 

 

टेक बालपन खेल खोये, वहाँ ज्ञान भी न होये । खेल-कूद में गाय-रोय में, बिताँये जियरा ॥

 

 

 

पापी, बी. ए. पास की पढ़ाई, बाबू फ़ेसन बनाई। तत्त्मेद को ना जाना, दुख पाये जियरा ॥ पापी, झाई जवानी छाई दगन में, केलिकरी सँग नारि मवन में । छोड़ चल दिये मारे, इक आत्मा तुम्हारे, स्याग नींद ये ‘रतन’, सख पाये जियरा ॥ पापी।

 

 

 

 

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