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Batuk Bhairav Stotra Pdf / बटुक भैरव स्तोत्र Pdf

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Batuk Bhairav Stotra Pdf / बटुक भैरव स्तोत्र पीडीएफ

 

 

 

 

 

ॐ  भैरवो भूत-नाथश्च,  भूतात्मा   भूत-भावनः।

क्षेत्रज्ञः क्षेत्र-पालश्च,   क्षेत्रदः     क्षत्रियो  विराट् ॥

श्मशान-वासी मांसाशी, खर्पराशी स्मरान्त-कृत्।

रक्तपः पानपः सिद्धः,  सिद्धिदः   सिद्धि-सेवितः॥

कंकालः कालः-शमनः, कला-काष्ठा-तनुः कविः।

त्रि-नेत्रो     बहु-नेत्रश्च,   तथा     पिंगल-लोचनः॥

शूल-पाणिः खड्ग-पाणिः, कंकाली धूम्र-लोचनः।

अभीरुर्भैरवी-नाथो,   भूतपो    योगिनी –  पतिः॥

धनदोऽधन-हारी च,   धन-वान्   प्रतिभागवान्।

नागहारो नागकेशो,   व्योमकेशः   कपाल-भृत्॥

कालः कपालमाली च,    कमनीयः कलानिधिः।

त्रि-नेत्रो ज्वलन्नेत्रस्त्रि-शिखी च त्रि-लोक-भृत्॥

त्रिवृत्त-तनयो डिम्भः शान्तः शान्त-जन-प्रिय।

बटुको   बटु-वेषश्च,    खट्वांग   -वर – धारकः॥

भूताध्यक्षः      पशुपतिर्भिक्षुकः      परिचारकः।

धूर्तो दिगम्बरः   शौरिर्हरिणः   पाण्डु – लोचनः॥

प्रशान्तः  शान्तिदः  शुद्धः  शंकर-प्रिय-बान्धवः।

अष्ट -मूर्तिर्निधीशश्च,  ज्ञान- चक्षुस्तपो-मयः॥

अष्टाधारः  षडाधारः,  सर्प-युक्तः  शिखी-सखः।

भूधरो        भूधराधीशो,      भूपतिर्भूधरात्मजः॥

कपाल-धारी मुण्डी च ,   नाग-  यज्ञोपवीत-वान्।

जृम्भणो मोहनः स्तम्भी, मारणः क्षोभणस्तथा॥

शुद्द – नीलाञ्जन – प्रख्य – देहः मुण्ड  -विभूषणः।

बलि-भुग्बलि-भुङ्- नाथो,  बालोबाल  –  पराक्रम॥

सर्वापत् – तारणो  दुर्गो,   दुष्ट-   भूत-  निषेवितः।

कामीकला-निधिःकान्तः, कामिनी वश-कृद्वशी॥

जगद्-रक्षा-करोऽनन्तो, माया – मन्त्रौषधी -मयः।

सर्व-सिद्धि-प्रदो वैद्यः, प्रभ – विष्णुरितीव  हि॥

।।फल-श्रुति।।

अष्टोत्तर-शतं नाम्नां, भैरवस्य महात्मनः।

मया ते कथितं देवि, रहस्य सर्व-कामदम् ।।

य इदं पठते स्तोत्रं, नामाष्ट-शतमुत्तमम्।

न तस्य दुरितं किञ्चिन्न च भूत-भयं तथा ।।

न शत्रुभ्यो भयं किञ्चित्, प्राप्नुयान्मानवः क्वचिद्।

पातकेभ्यो भयं नैव, पठेत् स्तोत्रमतः सुधीः ।।

मारी-भये राज-भये, तथा चौराग्निजे भये।

औत्पातिके भये चैव, तथा दुःस्वप्नजे भये ।।

बन्धने च महाघोरे, पठेत् स्तोत्रमनन्य-धीः।

सर्वं प्रशममायाति, भयं भैरव-कीर्तनात्।।

।।क्षमा-प्रार्थना।।

आवाहनङ न जानामि, न जानामि विसर्जनम्।

पूजा-कर्म न जानामि, क्षमस्व परमेश्वर।।

मन्त्र-हीनं क्रिया-हीनं, भक्ति-हीनं सुरेश्वर।

मया यत्-पूजितं देव परिपूर्णं तदस्तु मे।।

 

 

Batuk Bhairav Stotra Pdf
बटुक भैरव स्तोत्र Pdf Download

 

 

 

Batuk Bhairav Stotra Pdf
स्वर्णाकर्षण भैरव स्तोत्र Pdf Download

 

 

 

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स्वर्णाकर्षण भैरव साधना स्तोत्र Pdf Download

 

 

 

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