बनारस टॉकीज Pdf | Banaras talkies Pdf Hindi

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Banaras talkies Pdf Hindi

 

 

 

 

 

 

Banaras talkies Pdf Hindi

 

 

 

गिरधर और गोपाल सगे भाई थे । गिरधर और गोपाल दोनों अलग हो चुके थे । गिरधर इस आशा में एक साहूकार से 80 रुपया उधार लेकर एक गाय खरीद लाया है क्योंकि उसे अपना जीवन स्तर थोड़ा ऊपर उठाने अभिलाषा है। उसे यह भी आशा हैं कि वह गाय का पालन-पोषण करके आत्मनिर्भर बन सकता है।

 

 

 

गिरधर ने सोचा मैं एक गाय का मालिक भी बन जाऊंगा और कर्ज भी चुका दूंगा। उसका भाई गोपाल अपने भाई को देखकर असहज महसूस करने लगा।

 

 

 

उसे लगा कि गिरधर उससे कहीं आगे निकल जायेगा। गिरधर और गोपाल का बंटवारे के समय ही कुछ लेन-देन बाकी था। जिसमें गिरधर ने गोपाल को 10 रुपये का धोखा दिया था।

 

 

 

इसी विवाद के फलस्वरूप ‘धन्नी’ गिरधर की और ‘मीरा’ गोपाल की पत्नी के बीच लड़ाई भी हो गयी और लाठी डंडे भी चल गए। यह देखकर गोपाल ने सोचा “न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी” उसने गिरधर की गाय को जहर दे दिया। गाय मर गयी।

 

 

 

अब गोपाल को पुलिस पकड़ने के लिए ढूंढने लगी। गोपाल पुलिस से बचने के लिए पलायन कर गया। अब गिरधर पूरे व्यवसाय के साथ गोपाल के ऊपर मुकदमा करने के लिए एक सेठ से कर्ज ले लिया और गोपाल को पकड़ने के लिए पुलिस को रिश्वत भी दिया। गिरधर का एक लड़का था, उसका नाम कुमार था।

 

 

 

वह एक आवारा किस्म का लड़का था।  दोनों ग्रामीणों के क्रोध से बचने के लिए शहर भाग जाते है। रीमा के मुद्दे को लेकर ग्राम पंचायत ने गिरधर को जुर्माना भरने का आदेश दिया। जुर्माना भरने के लिए गिरधर के पास पैसा नहीं था। इसलिए वह पुनः कर्ज लेता है।

 

 

 

उसके ऊपर कर्ज का भार और भी बढ़ जाता है। गोपाल को बंद करवाने के लिए गिरधर अपनी क्षमता से अधिक कार्य करता है, और अंत में मर जाता है।

 

 

 

उसका बेटा कुमार और रीमा शहर में निर्बाध्य जीवन जीने लगे,  लेकिन कुमार इतना भी कमा न सका कि वह अपने पिता के लिए हुए कर्ज का भुगतान कर सके।

 

 

 

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